- उपलब्धियां
- पारेषण प्रणाली
- आईएसओ 9001:2008 सम्मान
- स्काडा सिस्टम
- एडीएमएस
स्काडा (SCADA) सिस्टम
विद्युत मांग में असाधारण वृद्धि, विद्युत उत्पादन में निजी क्षेत्र की सहभागिता एवं खुली पहुंच (OPEN ACCESS) प्रणाली के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश में पारेषण संरचना का द्रुत गति से विस्तार हो रहा है जिसके फलस्वरूप, प्रदेश की पारेषण संरचना अत्यधिक जटिल हो गई है एवं भार प्रबंधन का कार्य कठिन होता जा रहा है। मध्यप्रदेश की पारेषण संरचना में हुये विस्तार के कारण, प्रणाली का स्वचालित रूप से ऑनलाइन मॉनिटरिंग एवं जटिल पारेषण संरचना का नियंत्रण अत्यंत आवष्यक हो गया है। साथ ही प्रदेश के लगभग 73 प्रतिशत अति उच्चदाब उपकेंद्रों को निजी क्षेत्रों द्वारा संचालित किये जाने के कारण राज्य पारेषण प्रणाली के संचालन एवं संधारण हेतु उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिये भी एक पृथक स्वचालित नियंत्रण प्रणाली का होना आवश्यक है। इस योजना के अंतर्गत जबलपुर, भोपाल एवं इंदौर में ट्रांसमिशन स्काडा कण्ट्रोल सेंटर्स की स्थापना की जा चुकी है एवं इन्हें मध्यप्रदेश में स्थापित लगभग सभी अति उच्चदाब उपकेंद्रों से संबद्ध किया जा चुका है। स्काडा प्रणाली के क्रियान्वयन से कंपनी की पारेषण संरचना का नियंत्रण निश्चित रूप से सुदृढ़ होगा एवं पारेषण संरचना में 99 प्रतिशत से अधिक उपलब्धता प्राप्त की जा सकेगी। उपरोक्त योजना के क्रियान्वित होने पर मध्यप्रदेश राज्य की ट्रांसमिशन प्रणाली में स्काडा एवं इसके माध्यम से एडीएमएस की स्थापना कर पारेषण प्रणाली का नियंत्रण, संचालन एवं ऑन लाईन मॉनिटरिंग करने वाला देश में प्रथम राज्य होगा। स्काडा प्रदेश में स्थित पारेषण संरचना की ऑनलाईन मॉनिटरिंग एवं नियंत्रण हेतु केंद्रीकृत तंत्र प्रणाली है। इस प्रणाली के अंतर्गत मध्यप्रदेश के विभिन्न अति उच्चदाब उपकेंद्रों में स्थापित परिणामित्रों एवं संभरकों से संबंधित आंकड़े स्वचालित तरीके से मध्यप्रदेश में स्थापित 3 केंद्रीय नियंत्रण केंद्रों यथा जबलपुर, भोपाल एवं इंदौर में उपलब्ध होंगे।इस प्रणाली में रिमोर्ट टर्मिनल यूनिट (आर.टी.यू.) द्वारा संबंधित आंकड़े अर्जित कर संचार तंत्र द्वारा केंद्रीय नियंत्रण केंद्रों में भेजे जाते हैं। मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा जबलपुर, भोपाल एवं इंदौर शहरों में स्काडा नियंत्रण कक्षों के साथ-साथ मध्यप्रदेश में स्थापित लगभग सभी अति उच्चदाब उपकेंद्रों में रिमोर्ट टर्मिनल यूनिट (आर.टी.यू.) स्थापित किये जा चुके हैं । >>>और पढ़े
उपरोक्त स्काडा प्रणाली की संरचना निम्नानुसार हैः-मध्यप्रदेश में स्थापित केंद्रीय नियंत्रण कक्षों में 4 कार्य स्थलों का निर्माण किया गया है जिनमें संगणकों के माध्यम से आंकड़ों का अवलोकन कर प्रणाली का नियंत्रण स्वचालित पद्धति से किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उपरोक्त आंकड़ों का अवलोकन करने हेतु 7 विभिन्न कार्यालयों में रिमोर्ट व्यूइंग टर्मिनल स्टेशनों (RVTs) की स्थापना भी की गई है।
स्काडा नियंत्रण केंद्र द्वारा संबंधित अति उच्चदाब उपकेंद्रों में स्थापित आर.टी.यू. से जीपीआरएस/पीएलसीसी संचार प्रणाली के माध्यम से आंकड़े आई.ई.सी.60870.5.101 प्रोटोकॉल द्वारा अर्जित किया जाता है। इस हेतु जी.पी.एस. रिसीवर एवं उपयुक्त जीपीआरएस गेटवे प्रणाली की स्थापना प्रत्येक नियंत्रण केंद्रों में की गई है। जबलपुर में स्थापित नियंत्रण केंद्र को केन्द्रीय नियंत्रण केंद्र बनाया गया है जिसमें भोपाल एवं इंदौर नियंत्रण केंद्रों से उनके अंतर्गत आने वाले अति उच्चदाब उपकेंद्रों से प्राप्त ऑनलाइन आंकड़ों को इंटर कंट्रोल सेंट्रल कम्युनिकेशन (आई.सी.सी.पी.) लिंक, पी.जीसीआईएल एवं म.प्र.पॉ.ट्रा.कं.लि.के ओपीजीडब्ल्यू नेटवर्क के माध्यम से स्थापित किया गया है, प्राप्त किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में स्थापित अति उच्चदाब उपकेन्द्रों में भी आंकड़ों को देखने हेतु लोकल डाटा मॉनिटरिंग सिस्टम (SCADA) की स्थापना आ.टी.यू. एवं इंटरनेट के माध्यम से की गई है। एलडीएमएस स्वतः ही एक प्रकार से छोटी स्काडा प्रणाली है जिसे अति उच्चदाब केंद्रों के नियंत्रण कक्षों में स्थापित किया गया है। इस प्रणाली से उपकेंद्रों में स्थापित परिणामित्रों, बैटरी चार्जर एवं संभरकों इत्यादि का प्रत्येक 5 मिनट के अंतराल से सजीव आंकड़ों का भंडारण होता है इसी प्रकार उपकेंद्रों में लगे अलार्म, आकस्मिक घटनाओं, एस.ओ.ई. इत्यादि का भी भंडारण नियमित रूप से होता है। उपरोक्त प्रणाली द्वारा समयानुसार रिकार्ड हुये अधिकतम, न्यूनतम एवं औसत आंकड़ों का भी अध्ययन किया जा सकता है।
Parameters | Transformer/ Reactor | Feeders | Capacitor Bank | Station Transformer |
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Voltage | √ | √ | √ | √ |
Current | √ | √ | √ | √ |
Frequency | √ | √ | √ | √ |
Active & Reactive power | √ | √ | √ | √ |
Import & Export Energy (active/reactive) | √ | √ | √ | √ |
Power Factor | √ | √ | √ | √ |
Oil temperature | √ | √ | √ | √ |
Winding Temperature | √ | - | - | - |
Low oil level | √ | - | - | - |
PRV Trip | √ | - | - | - |
Buchholz alarm | √ | - | - | - |
Buchholz trip | √ | - | - | - |
OSR Trip | √ | - | - | - |
Tap Position Indicator | √ | - | - | - |
Healthiness of FIRE Prevention System | √ | - | - | - |
Master Trip Relay Operation | √ | √ | √ | - |
ट्रांसमिशन स्काडा प्रणाली से होने वाले फायदे:
• स्वचालित पद्धति से आंकड़ों का अध्ययन एवं प्रतिवेदनों का उत्पादन।
• वास्तविक आंकड़ों की सहायता से म.प्र. में स्थापित सभी अति उच्चदाब उपकेंद्रों का सुचारू रूप से नियंत्रण एवं संचालन।
• निजी क्षेत्रों द्वारा संचालित अति उच्चदाब उपकेंद्र के कार्यों का प्रभावी रूप से नियंत्रण एवं संचालन।
• अति उच्चदाब उपकेंद्रों में होने वाली सभी प्रकार की घटनाओं का समयवार संकलन।
• अति उच्चदाब उपकेंद्रों में स्थापित परिणामित्रों, सर्किट ब्रेकर, सीटी, पीटी, मल्टी फंक्षन मीटर, बैटरी एवं बैटरी चार्जर इत्यादि की प्रभावी रूप से सघन निगरानी।
• वितरण कंपनियों हेतु केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रस्तावित एडीएमएस प्रणाली का संचालन।
• प्रणाली की वोल्टेज एवं एमव्हीएआर का केंद्रीयकृत आंकड़ों के आधार पर नियंत्रण कर पारेषण हानि को कम करने में सहायक।
• मध्यप्रदेश की भविष्य की पारेषण प्रणाली योजना का समुचित प्रतिवेदन बना सकते हैं।
• अति उच्चदाब उपकेंद्रों में लगे उपकरणों का समुचित रूप से संचालन कर इनको खराब होने से बचाना।
• सही विद्युत प्रवाह की केंद्रीय जानकारी स्काडा प्रणाली द्वारा उपलब्धता के आधार पर उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध कराना।
• स्वचालित आंकड़ों की रिकार्डिंग एवं प्रणाली हेतु आवश्यक रिपोर्ट के उत्पादन की सुविधा होने से वर्तमान में कर्मियों की कमी से उत्पन्न कठिनाईयों से निपटना संभव है।
• जीवंत आंकड़ों की सहायता से उपकेंद्रों में लगे कीमती उपकरणों की आयु बढ़ाना।
• म.प्र.राज्य विद्युत नियामक आयोग को त्रैमासिक रूप से एमआईएस एवं पारेषण प्रणाली से संबंधित परफार्मेंस स्टेण्डर्ड की जानकारी तैयार कर उपलब्ध कराना।
भविष्य में स्काडा नियंत्रण प्रणाली को इंटेलीजेंट इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस (IED), अति उच्चदाब उपकेंद्रों, भार प्रबंध योजना यथा-स्वचालित अंडर फ्रीक्वेंसी एवं DF/DT योजना का स्वचालित रूप से संचालन। म.प्र.शासन की 24x 7 विद्युत प्रदाय की मंशा को म.प्र.पॉ.ट्रां.कंपनी द्वारा स्काडा प्रणाली की सहायता से सुचारू रूप से किया जा रहा है। इस प्रणाली के पूर्णतया लागू होने के उपरांत म.प्र.की पारेषण संरचना का नियंत्रण अत्यंत सहज रूप से संभव हो सकेगा एवं इसकी सहायता से पारेषण संरचना किसी भी तरह की आकस्मिक आपदाओं से सुरक्षित कर, विद्युत व्यवस्था अनवरत रूप से सुनिश्चित की जा सकेगी।.
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विशिष्ट आगंतुकों की टिप्पणियां
“ Sincerly, a Sysytem that makes us proud. ”
- Shri Iqbal Singh Bains, Addl. Chief Secratary, Energy Department, Govt. of MP
“ The SCADA Control centre of Transmission by the Transco is the State-of-the-Art facility commissioned at Jabalpur. Perhapes, first in the country, the facility is maintained excellently and the System explained by the operation Engineer who know their job. I wish them great success in their effort to monitor the System at Substation level. My good wishes.” - Shri V.S. Varma, Member CEA, Former Member CERC
“ Very Happy & Honoured to visit this landmark facility of India. Looking forward to seeing more of this operational in other states as well towards a more integrated national energy System.” - Nelson Guevera, Asian Development Bank